कविता

हमारी और आपकी कहानी “मध्यम वर्ग”

खुशियाँ हो या गम
या उत्सव हो या मातम
चाहे फिर ढाये कोई सितम
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

लाभ निजी हो या सरकारी
या लेनी हो भाजी तरकारी
चाहे सर पर हो विपदा भारी
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

सरकारी हो या निजी नोकरी
या ब्याहनी हो अपनी छोकरी
चाहे कर्ज की सर पर टोकरी
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

बीमारी का कराना हो इलाज
या पाठशाला चाहिए लाजवाब
चाहे न्यायालय की हो बात
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

चार लोग क्या कहेंगे वाली हो कोई बात
या छिपाने पड़े दिल के जज्बात
चाहे आँसुओं के बीच झूटी मुस्कुराहट
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

नही कोई इनके लिए सरकारी योजना
या उज्ज्वल भविष्य के लिए परियोजना
चाहे फसे कोई निजी और सरकारी झमेले में
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

सरकार द्वारा जबरन वसूली वाला हो कर
या समाज के रीति रिवाजों का डर
चाहे धर्म,कर्म और समाज के नाम पर हो कोई चढ़ावा
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

ना समाज काम आता है न सरकार
या कर रहा हो कोई अत्याचार
चाहे बीच भँवर में फंसी हो मझदार
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग

जन्म,मरण हो या लड़के लड़की का वरण
या पुरुष हो नारी हो या कोई बीच वाला वर्ण
बस एक ही नारा “भगवान भरोशे”

पिसता हमेशा मध्यम वर्ग
पिसता हमेशा मध्यम वर्ग
$पुरुषोत्तम जाजु$

पुरुषोत्तम जाजू

पुरुषोत्तम जाजु c/304,गार्डन कोर्ट अमृत वाणी रोड भायंदर (वेस्ट)जिला _ठाणे महाराष्ट्र मोबाइल 9321426507 सम्प्रति =स्वतंत्र लेखन