लघुकथा

अदृश्य संग्राम

“माँ मुझे नींद नहीं आ रही है । कोई कहानी सुनाइये ना ।”
“अरे वाह ! मेरा लल्ला कहानी सुनना चाहता है ? लो अभी सुनाती हुँ , तुम अभी बहुत छोटे हो फिर मुझे बताना की कहानी कैसी लगी ।”
“जी माँ ; आप पहले सुनाइये तो सही ।”
“अच्छा तो फिर सुनो ।”
धरती पर चहुंओर निराशा के बादल घने हो रहे थे । ऐसा लग रहा था मानों घनी अंधेरी रात का अंत कभी नहीं होगा ।
आसुरी शक्ति के साथ लड़ते हुए सारी मानव जाति के तन-मन घायल हो रहे थे । हवाओं का रूख बदलने के आसार नज़र नहीं आ रहे थे ।
सिर्फ मौत एवं त्राहि त्राहि के क्रंदन जगह-जगह से हर पल गूँज रहे थे । समझ में नहीं आ रहा था कि इन आसुरी शक्तियों से लड़ा कैसे जाये ।
रक्तबीज के स्पर्श मात्र से असंख्य रक्तबीज पैदा हो रहे थे । पृथ्वी पर बस कुछेक भागों पर जहाँ लगातार मंदिरों की घंटियों एवं शंखध्वनि सदैव गूँजते थे ।
उन जगहों पर दैवीय शक्ति की वज़ह से रक्तबीज अपना पैर नहीं जमा सका था ।
सेनाओं को समझ नहीं आ रहा था कि इन आसुरी शक्तियों से कैसे लड़ा जाये ।

असुर तो असुर होते हैं ,उन्हें मदिरा बहुत प्रिय होता है यह बात पता चलते ही सारी सेनाएं , अपने घायल सैनिकों को इकट्ठा कर अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहने की हिदायतें देकर स्वयं असुरों से लड़ने के लिये देवदूतों ने सेनापतियों को नियुक्त किया ।
सेनापति उन असुरों के लिये मदिरालय खोल कर मदिराओं की वर्षा करने लगी ।
असुर मदिरा पाते ही झूम उठे “अहा ! मदिरा यह तो हमें बहुत पसंद है ।”
इधर देवदूत एवं उनकी सेनाएं अपने आदमियों को रक्तबीज के नज़रों से छूपाने लगी ।
नतीजतन अदृश्य असुर रक्तबीज का रक्त बहना कम होने लगा ।
अभी तक जो मानवीय रक्त के प्यासे थे उन्हें मदहोश कर देवगण पुनः मोर्चा संभाल लिये ।
घायल सैनिक एवं जनता स्वस्थ होने लगी ।
यह देख कर देवयोद्धाओं के सम्मान में देवताओं ने पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त करने लगे ।
“अरे वाह ! अच्छा एक बात बताइये माँ , सैनिक कैसे दिखाई देते हैं ?”
“बेटा इस धर्म युद्ध के हम सभी सैनिक हैं ,हम भी तुम भी इस सृष्टि की सारी मानव जाति । हमें अदृश्य रक्तबीज को मदिरा सेवन तब तक करवाना है जब तक वह मरता नहीं है ।”
“अच्छा ! फिर पुष्पवर्षा करने वाले देवता कौन थे ?”
“बेटा अमरत्व का वरदान सिर्फ देवताओं को मिला है । “तुम्हें याद है , ‘अमर जवान ज्योति’ ?”

— आरती रॉय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - [email protected]