शहीद ‘भारतरत्न’ प्रधानमंत्री : मिस्टर क्लीन से मिस्टर बोफ़ोर्स !
21 मई 1991 : ‘राजीव गांधी’ तब पूर्व प्रधानमंत्री थे।
हिंदी फ़िल्म ‘मद्रास कैफ़े’ में राजीव-हत्या के कारणों और हत्या की जघन्यतम स्थिति को दर्शाने का प्रयास किया गया है! भारतीय तमिलों के एक समूह ने श्रीलंकाई तमिल का पक्ष लेकर व समर्थन देकर यानी दूसरे देश के लिए अपने देश के लोगों ने इतिहास का सबसे क्रूरतम हत्या कर डाले । ‘मानव बम’ ने इतना लील लिया राजीव को….. चेन्नई से सुदूर….. सिर्फ़ मांस के टुकड़े छितरे पड़े, एक पैर से ही जिनकी पहचान हो पाई !
यह ‘मानव बम’ एक महिला थी। ममता बरसानेवाली एक महिला क्या इतनी क्रूरतम भी हो सकती है भला?
किसी देश में किसी देश के धर्म / जाति / समुदाय वाले बस जाय, तो उसे किस देश के प्रति स्वामीभक्ति दिखानी चाहिए ! क्या जिनका नमक खा रहे हो, उनका ऋण अदा करोगे ? परंतु जिन्होंने प्रसव – पीड़ा की दंश झेली और दूध स्तन से निचोड़कर पिलाई जो, उनके प्रति भक्ति – अनुराग नहीं है क्या?
एक महिला ने पति खोई, तो एक किशोर और एक किशोरी ने पिता को ।
किसी राजनीतिक कुचेष्टा के सरोकार भी यह घटना किसी भी स्थिति में जायज नहीं है?
‘मिस्टर क्लीन’ राजीव ‘बोफ़ोर्स क्रय’ लिए आरोपित भी हुए, इस पर रार कर उनके अभिन्न वीपी सिंह प्रधानमंत्री भी बने….
जो हो, उनकी सोच युवतम थी, युवतम लिए थी….
इस कमल (राजीव के पर्याय) को सादर सुमन….