मन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
बल तन में, विश्वास मन में,रोक नहीं राह कोई सकता।
होश में इतना जोश रहे, कोई बाधा रोक न पाए।
बढ़ें कदमों की धूल उड़े,जिसे देख दुश्मन घबराए।
आगे बढ़ता ही जा।
रास्ता अपना बना।
मंजिल ही तेरी है शान रे,रोक नही राह कोई सकता।
मन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
गिरता पसीना खेती चूमें, पैरों में हिल मिल जाती।
पैदावार खड़ी पुकारे,किसान को हिय से बुलाती।
किसान का जोश बड़ा।
बार्ष तुफान भी डरा।
तू अन्न दाता भगवान रे, देश भूखा नहीं रह सकता।
मन होश रहे तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
सिर पर बोझा मन से ढोता,मजदूर की यही कमाई।
मेहनत से बच्चों को पाले,सुख छीन रही है मंहगाई।
है नित मेहनत करे।
काम जोश से करे।
दिल में लिए अरमान रे,तेरा दर्द नहीं सुन कोई सकता।
मन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
— शिव सन्याल