गीत/नवगीत

रोक नही राह कोई सकता

मन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
बल तन में, विश्वास मन में,रोक नहीं राह कोई सकता।
होश में इतना जोश रहे, कोई बाधा रोक न पाए।
बढ़ें कदमों की धूल उड़े,जिसे देख दुश्मन घबराए।
आगे बढ़ता ही जा।
रास्ता अपना बना।
मंजिल ही तेरी है शान रे,रोक नही राह कोई सकता।
मन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
गिरता पसीना खेती चूमें, पैरों में हिल मिल जाती।
पैदावार खड़ी पुकारे,किसान को हिय से बुलाती।
किसान का जोश बड़ा।
बार्ष  तुफान  भी  डरा।
तू अन्न  दाता भगवान रे, देश  भूखा नहीं रह सकता।
मन होश रहे तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
सिर पर बोझा मन से ढोता,मजदूर की यही कमाई।
मेहनत से बच्चों को पाले,सुख छीन रही है मंहगाई।
है  नित  मेहनत  करे।
काम  जोश  से करे।
दिल में लिए अरमान रे,तेरा दर्द नहीं सुन कोई सकता।
मन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता।
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995