चार्जिंग
उसकी अंतिम यात्रा की तैयारी हो रही थी. सभी भावभीनी विदाई दे रहे थे, पर आंटी का कलेजा मुंहं को आ रहा था. काश! उसने उसकी बात सुन-मान ली होती!
आंटी ने कितना समझाया था- ”बेटा, चार्जिंग पर फोन लगाकर बात मत किया करो, यह बहुत हानिकारक होता है, मौत भी हो सकती है!” पर उसने बात सुनी-मानी ही कब थी!
”मौत! आंटी जी, मौत को तो जब-जहां-जैसे आना है, आएगी ही, कहां तक इसकी फिक्र करेंगे? फिर मोबाइल को चार्जिंग भी तो चाहिए न!”
”मोबाइल को चार्जिंग जरूर चाहिए, पर तुम्हारी जिंदगी को भी तो चार्जिंग की जरूरत है न, उसका ध्यान भी तो तुम्हें ही रखना है न!” आंटी ने समझाने की आखिरी कोशिश की थी. वह कोशिश भी बेकार गई.
मोबाइल चार्जिंग पर लगा हुआ था और वह बात कर रहा था, अचानक वोल्टेज बढ़ने से मोबाइल फोन में आग लग गई और वह उसकी चपेट में आ गया. नतीजा मौत के रूप में निकला. उसके जीवन की चार्जिंग समाप्त हो चुकी थी.
पुनश्च-
आप लोग भी कामेंट्स में जीवन की ऐसी उपयोगी सावधानियों के बारे में पाठकों को जागरुक कर सकते हैं.
मोबाइल को चार्जिगं में लगा कर बात करना जानलेवा हो सकता है। इसको आपने अपने शब्दों में बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है। हार्दिक धन्यवाद। सादर नमस्ते।
प्रिय मनमोहन भाई जी, रचना पसंद करने, सार्थक व प्रोत्साहक प्रतिक्रिया करके उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन. आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. मोबाइल को चार्जिगं में लगा कर बात करना जानलेवा हो सकता है. आपको हमारा प्रयास पसंद आया, हम अनुगृहीत हुए.
आज की सबसे बड़ी सावधानी!
लॉकडाउन के बीच अनुशासन का पालन करना जरूरी है, दो गज दूरी जरूरी है, मास्क लगाना जरूरी है, हाथ सेनेटाइज करना जरूरी है, एक दूसरे की मदद करना जरूरी है, किसी भी तरह के नशे से दूर रहना जरूरी है. नशा नाश का कारण है.