एक डायट का बरतावनामा
प्रशिक्षु शिक्षकों के ट्रेनिंग सेन्टर यानी डायट में 2017-19 बैच का नया सत्रारम्भ था वहाँ प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ उनके अभिभावक भी आये थे । प्रशिक्षुओं के गाइडलाइन्स और उनके अभिभावकों के शंका को दूर करने के लिए क्लास की व्यवस्था की गई थी लेकिन एक अभिभावक के पूछे प्रश्न पर वहाँ के प्राचार्य द्वारा उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गई !
क्या अभिभावक अपने बच्चों की भविष्य चिंता नहीं कर सकते है ? क्या उन्हें सवाल पूछने का हक नहीं है ? क्या ऐसे प्रचार्य की जिम्मेवारी सही है ? ऐसे कई सारे सवाल वहाँ उपस्थित अभिभावकों के मन में आयें ?
मैं अभिभावक की तरफ से कहना चाहता हूँ ऐसे प्राचार्यों के लिए भी ट्रेनिंग सेन्टर खुले, ताकि उन्हें भी सिखाया जा सकें कि उन्हें अभिभावकों से कैसे बात करनी चाहिए ।