गणित की 519 नए प्रमेयों की खोज : लॉकडाउन में मेरे द्वारा
प्रमेय- 1.
किसी भी ‘सभ्य संख्या’ (Avowedly Number) से जिनका भजन न हो सके, अभाज्य संख्या है । सभ्य संख्या से तात्पर्य ‘असहज संख्या’ से नहीं है । ज्ञात हो, संख्या ÷ संख्या तथा संख्या ÷ 1 के हल पूरक संख्या के तौर पर है । हालाँकि 0, 1 से 9 तक के अंक ‘सभ्य संख्या’ कहलाते हैं, किन्तु यह श्रेणी यहीं तक सीमित नहीं है, अपितु हम उन्हें भी सभ्य संख्या कहेंगे, जो कि इन अंकों से गुणन पर प्राप्त होती हैं।
प्रमेय- 2.
प्रमेय- 1 में और जो पहले से ही मार्गदर्शित हैं- में 0 (शून्य) के संबंध में कोई विशेष उल्लेख नहीं है, किन्तु 1 के संबंध में कहा गया है कि ये न तो भाज्य संख्या है, न ही अभाज्य । जहाँ 2 को अभाज्य संख्या माना गया है एयर इसे ‘सैम अभाज्य’ का दर्जा दिया गया है तथा 3 विषम अभाज्य संख्याओं की श्रेणी के प्रथमांक हैं– ऐसी मान्यता है, किसी विशिष्ट उल्लेखन के साथ नहीं !
(जारी है…..)