लघुकथा

फेमिनिस्ट पोइटेस (लघुकथा)

एक कवयित्री कहीं भाषण दे रही थी, “मैं नारीवादी कवयित्री हूँ…! ना मैं मेरीकॉम हूँ, ना सानिया मिर्ज़ा हूँ …! मैं नारीवादी कवयित्री हूँ। एक दफा मैत्रेयी पुष्पा ने लिखी, राजेन्द्र यादव को मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता ! सच में क्या..? फिर तो कइयों से हम पीछे हैं भाई । राजेन्द्र दा की बदौलत मैत्रेयी की पहचान साहित्य जगत में हो पाई…! वरना आज के दौर में सीढ़ी-दर-सीढ़ी फिसलना आसान हैं । आज हंस के पाठक की कमी तथा संपादकीय चित्रण का आभाव खलता तो है । नई कहानी कविताओं का स्थान कहाँ है…? सोच को विस्तार देने की जरूरत है!”
…..और पुरुष साहित्यकार टुकटुकी लगाए सिर्फ सुन रहे थे !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.