बेटियाँ
घर का सोलह श्रृंगार है बेटियाँ ,
धरती पर संस्कार है ये बेटियाँ ,
मेरे जीवन का उपकार है बेटियाँ ,
प्रकृति पर रब का वरदान है बेटियाँ ,
घर की रीत-प्रीत गजल है ये बेटियाँ ,
जीवन का सुर संगीत है ये बेटियाँ ,
बञ्जर जमीं पर खिलता बसन्त है बेटियाँ ,
खूद ही ईश्वर का अवतार है ये बेटियाँ
घर की अदालत में न्याय है ये बेटियाँ ,
मन के उपवन में मन्दिर है ये बेटियाँ ,
अन्याय घर उपजे रणचण्डी है ये बेटियाँ ,
वात्सल्य की जीती जागती मिसाल है ये बेटियाँ ,
हर दुःख की दारुण सीत्कार है ये बेटियाँ ,
तत्परता , त्याग , दया की मुरत है ये बेटियाँ ,
ज्ञान-विज्ञान , अध्यात्म की पहचान है ये बेटियाँ ,
वैश्विक विकास की अद्भुत शान है ये बेटियाँ ,
मानवता के पथ की सुदृढ आन है ये बेटियाँ ।
वाग्वर मनुज पर उपकार है ये बेटियाँ.
देखो संसार की कर्णधार है ये बेटियाँ.।।
विनोद कुमार जैन वाग्वर सागवाड़ा