पानी
पानी जीवनदाता है,
खेती खूब कराता है,
पानी पी हम प्यास बुझाते,
पानी से बर्तन मंजवाते.
कपड़े धोते पानी से,
खूब नहाते पानी से,
पानी से घर को धुलवाते,
आग बुझाते पानी से.
(1978 में लिखी पुस्तक ‘शिशु गीत संग्रह’ से)
पानी जीवनदाता है,
खेती खूब कराता है,
पानी पी हम प्यास बुझाते,
पानी से बर्तन मंजवाते.
कपड़े धोते पानी से,
खूब नहाते पानी से,
पानी से घर को धुलवाते,
आग बुझाते पानी से.
(1978 में लिखी पुस्तक ‘शिशु गीत संग्रह’ से)