हनुमान स्तुति, छंद घनाक्षरी
हनुमान -स्तुति (छंद घनाक्षरी)
रात – दिन साधना में,राम की आराधना में,
शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी है।
धीर – बीर बल धारी, उमा पति अवतारी,
अंजनी के जाए सुत, बाल ब्रह्मचारी है।
बल को बखान हनु, रीछ जामबन्त सुनि,
पैठि दसमाथु राजु , बाटिका उजारी है।
अक्षय को क्षय कर, लंक को दहन कर,
लौट आओ लाँघ निधि, राम को प्रभारी है।डॉ. शशिवल्लभ शर्मा
अम्बाह, मुरैना