कुण्डली/छंद

हनुमान स्तुति, छंद घनाक्षरी

हनुमान -स्तुति (छंद घनाक्षरी)

रात – दिन साधना में,राम की आराधना में,
शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी है।
धीर – बीर बल धारी, उमा पति अवतारी,
अंजनी के जाए सुत, बाल ब्रह्मचारी है।
बल को बखान हनु, रीछ जामबन्त सुनि,
पैठि दसमाथु राजु , बाटिका उजारी है।
अक्षय को क्षय कर, लंक को दहन कर,
लौट आओ लाँघ निधि, राम को प्रभारी है।

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा
अम्बाह, मुरैना

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा

विभागाध्यक्ष, हिंदी अम्बाह स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, अम्बाह जिला मुरैना (मध्यप्रदेश) 476111 मोबाइल- 9826335430 ईमेल[email protected]