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दीपशिखा सागर का सृजन भाव व शिल्प की दृष्टि से श्रेष्ठ—प्रो.शरद नारायण खरे

मंडला-लोकप्रिय वॉट्सएप ग्रुप काव्यांगन ने बुधवार को एकल काव्यपाठ का आयोजन किया, जिसमें देश की जानी-मानी कवयित्री दीपशिखा सागर, छिंदवाड़ा ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से अतिथियों और श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। सभी ने दीपशिखा सागर की रचनाओं की भूरि-भूरि सराहना की।
कार्यक्रम के मुख्य-अतिथि प्रो. शरद नारायण खरे, मण्डला ने कहा कि दीपशिखा सागर की रचनाएं भाव और शिल्प की दृष्टि से अद्वितीय हैं। गागर में सागर समाहित करने में दीपशिखा कुशल हैं।प्रो.शरद। नारायण खरे ने कहा कि  काव्यांगन में एकल काव्यपाठ कर कवयित्री ने वास्तव में भाव-विभोर कर दिया है।
गीतकार और पत्रकार राजकुमार धर द्विवेदी ने कहा कि दीपशिखा सागर ने बहुत ही कम समय में हिंदी और उर्दू काव्य-जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इनकी काव्य-साधना ने साहित्य को काफी समृद्ध किया है। तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद इन्होंने अपनी लेखनी को रुकने नहीं दिया और श्रेष्ठ साहित्य दिया।
वरिष्ठ साहित्यकार रामलाल सिंह परिहार, नागौद (सतना) ने कहा कि दीपशिखा सागर का साहित्य उच्च कोटि का है। भाषा, शैली और कथ्य की दृष्टि से इनकी रचनाएं श्रेष्ठ हैं। परिहार साहब ने लिखा-
दीपशिखा जी आपने, खींच शारदा चित्र।
सरस काव्यरसधार से, मन कर गईं पवित्र।।
अपने कुशल मंच-संचालन से कार्यक्रम को ऊंचाई देने वाली कवयित्री अनिता मंदिलवार सपना, अंबिकापुर ने कहा कि वे दीपशिखा जी को प्रत्यक्ष रूप से कवि-सम्मेलन में भी सुन चुकी हैं। इनके गीत, छंद और ग़ज़लें उम्दा हैं।
कार्यक्रम के मार्गदर्शक द्वय श्री जयप्रकाश पांडेय, मेरठ और डॉ. बृजेंद्र वैद्य, रायपुर ने भी दीपशिखा सागर के काव्य को सराहा और कहा कि इनसे साहित्य को बड़ी उम्मीद है।
पत्रकार सुरेशचंद्र पांडेय, प्रयागराज, संगीता श्रीवास्तव, छिंदवाड़ा, पूनम दुबे, अंबिकापुर, सुमन सोनी, भागलपुर, रंजना मिश्रा, कानपुर, लोकेश तिवारी, रीवा, राजेश तिवारी रज्जन, बांदा, सीएस अकेला, उचेहरा, सतना ने भी दीपशिखा सागर के काव्यपाठ की सराहना की। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। श्रोताओं ने दीपशिखा जी से कई सवाल भी किए। कवयित्री ने हर सवाल का सटीक जवाब दिया। अंत में  उन्होंने कहा-
नेह अनूठा आपका, खींचे अपनी ओर,
दिल को दिल से बांधती, काव्य प्रेम की डोर।
शारदा वंदना, छंद, गीत और ग़ज़ल से कार्यक्रम को कवयित्री ने रससिक्त किया। अंत में आभार-प्रदर्शन राजकुमार धर द्विवेदी ने किया।
— प्रो.शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]