चूहा और धारा 144
तो सभी पूजते हैं,
मगर जिंदा हो,
उसे मारे बगैर हमें चैन कहाँ?
सांप अगर पत्थर का हो,
तो सब पूजते हैं,
जिंदा हो तो मार दिए जाते।
मां-बाप अगर तस्वीर में हो,
तो सब पूजते हैं,
जिंदा हो तो दुत्कारते हैं!
इक पत्थर और फ़ोटो से
इतना प्यार,
क्या यही ज़िन्दगी है,
मेरे यार!
एक जैसे हैं,
दोनों 144 लगाकर ही
जाते हैं।