लो वो चली गई……
बिजली रानी को निश्चित ही कोई दूसरा आशिक मिल गई होगी, अन्यथा वो इश्क-मिचौली नहीं करती ! इधर लगातार पन्द्रह दिनों से हर दिन बिजली 15 बार अवश्य ही कटती है । कभी 10 मिनट के बाद आ जाती है, तो कभी 10 घंटे बाद भी नहीं!
जब से अपने गाँव में विद्युत सब ग्रिड हरकत में आई है, लो-वोल्टेज से निज़ात तो मिली है, किन्तु बिजली का यूँ कटना बदस्तूर ज़ारी है । अभी फिर बिजली कट गई और मैं पोस्ट लिखने के साथ-साथ भूँजा फांकने बैठ गया हूँ ।
आजकल कोई मनुष्य भी बिजली बिल लेकर नहीं आते हैं, कम्प्यूटर जैसे नास्तिक मशीन से बिल निकालना पड़ता है और बेमतलब के नास्तिक मशीनचालक 10 रूपा ले ही लेते हैं ! मेरे गाँव में ग्रिड है और फायदा नगर पंचायतवासियों को हो जाता है ।
हमें बिजली रानी के बेवफाई की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए तथा उनके राजापिता यानी सरकार को खत लिखना चाहिए कि ‘आपकी बिजली बेटी विवाहिता है, बावजूद उनकी चाल-चलन ठीक नहीं है ।’ पोस्ट के अंत होते-होते बिजली आ गई है, किन्तु उनकी टिकने के आसार नहीं लग रही है ।
लो वो चली गई………