माई हथुआ राज मिल गईल !
गरीबों के मसीहा कहलानेवाले एक राजनेता ने अपने बच्चों की शादी महाधनवानों में किए, जातिनिरपेक्ष की बात करनेवाले इस राजनेता ने अपने बच्चों की शादी अपनी जाति में ही किए। धर्मनिरपेक्षता की डींग हाँकनेवाले इस राजनेता ने अपने बच्चों की शादी अलग धर्म में नहीं किये। ‘आय से अधिक संपत्ति’ से जूझते इस नेता ने बच्चों की शादी में खुले हाथ धन उड़ेले।
अंधविश्वास पर कथित प्रहार करने का श्रेय लेनेवाले इस राजनेता के दोनों हाथ की अंगुलियों में कई की संख्या में ग्रह-नक्षत्र दूर करनेवाली अंगूठी देखी जा सकती हैं। जनता की सेवा वाले मुख्यमंत्री पद मिलते ही उसने तब माँ से कहा था– ‘माई, हथुआ राज मिल गइल’, जो कि प्रजा-प्रतिनिधि कर्म को ‘राजा’ वाला बता रहे थे।
जिनके कार्यकाल में आईएएस अफसरों को कोई मान-सम्मान नहीं दी जाती थी, पान का पीकदान तक वे लाते थे । जिन्होंने 15 वर्षों में सरकारी नौकरियों की वेकैंसी को इसतरह उलझाया कि आज भी ऐज एक्सपायरी छात्र उस समय की याद कर भाग्य को कोसने लग जाते हैं!