कवितापद्य साहित्य

रक्तदान करें

जान बचाने लक्ष्मण की, श्री हनुमान संजीवनी लेकर आए थे,
खोज न सके पर्वत पर, इसलिए तो पहाड़ उठा ले आए थे,

किंतु हमारी तो नस नस में ही, बह रही रक्त की संजीवनी है,
ऐसी अमृत तुल्य अमूल्य शक्ति, उपहार में हमें मिली हुई है,

विद्या की तरह ही है रक्त, बांटने से कभी भी कम नहीं होगा,
जीवन बचा लिया किसी का हमने, पुण्य हमें अपार मिलेगा,

कुछ सोच समझकर ही, भगवान ने यह तोहफ़ा हमें दिया है,
जीवन रक्षक बन जायें हम, ऐसा सुनहरा मौका हमें दिया है,

भगवान तो हर इंसान को, केवल एक ही बार जन्म देता है,
रक्तदान करने वाला, उसे दोबारा जीने का अवसर देता है,

अपनी अलौकिक शक्ति का, दिल खोलकर इस्तेमाल करें,
रक्त संचार में कभी कमी नहीं होगी, ऐसी चिंता से ना डरें,

मिटा तम किसी परिवार का, अपने रक्त से वहां प्रकाश भरें,
रक्तदान करें, हम एक पुण्य का काम करें, रक्तदान करें।

रत्ना पांडेवडोदरा (गुजरात)

रत्ना पांडे

रत्ना पांडे बड़ौदा गुजरात की रहने वाली हैं । इनकी रचनाओं में समाज का हर रूप देखने को मिलता है। समाज में हो रही घटनाओं का यह जीता जागता चित्रण करती हैं। "दर्पण -एक उड़ान कविता की" इनका पहला स्वरचित एकल काव्य संग्रह है। इसके अतिरिक्त बहुत से सांझा काव्य संग्रह जैसे "नवांकुर", "ख़्वाब के शज़र" , "नारी एक सोच" तथा "मंजुल" में भी इनका नाम जुड़ा है। देश के विभिन्न कोनों से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र और पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। ईमेल आई डी: [email protected] फोन नंबर : 9227560264