रक्तदान करें
जान बचाने लक्ष्मण की, श्री हनुमान संजीवनी लेकर आए थे,
खोज न सके पर्वत पर, इसलिए तो पहाड़ उठा ले आए थे,
किंतु हमारी तो नस नस में ही, बह रही रक्त की संजीवनी है,
ऐसी अमृत तुल्य अमूल्य शक्ति, उपहार में हमें मिली हुई है,
विद्या की तरह ही है रक्त, बांटने से कभी भी कम नहीं होगा,
जीवन बचा लिया किसी का हमने, पुण्य हमें अपार मिलेगा,
कुछ सोच समझकर ही, भगवान ने यह तोहफ़ा हमें दिया है,
जीवन रक्षक बन जायें हम, ऐसा सुनहरा मौका हमें दिया है,
भगवान तो हर इंसान को, केवल एक ही बार जन्म देता है,
रक्तदान करने वाला, उसे दोबारा जीने का अवसर देता है,
अपनी अलौकिक शक्ति का, दिल खोलकर इस्तेमाल करें,
रक्त संचार में कभी कमी नहीं होगी, ऐसी चिंता से ना डरें,
मिटा तम किसी परिवार का, अपने रक्त से वहां प्रकाश भरें,
रक्तदान करें, हम एक पुण्य का काम करें, रक्तदान करें।
रत्ना पांडे, वडोदरा (गुजरात)