कामायनी की श्रद्धा की खोज !
स्कूल में जब पढ़ता था
सह-शिक्षा की परंपरा थी
साथ थी छात्राएँ तब
जमीन पे नजर गड़ाएं रहती थी
वो कामायनी की श्रद्धाएँ और लज्जाएँ थी !
आज न लज्जा है, न श्रद्धा !
मोबाइल के कॉलिंग में
मुर्गा नम्बर वन, टू, थ्री लिख रखी हैं !