विजय वरण का मंत्र
विजय वरण का मंत्र निहित है
आत्म शक्ति में और लगन में
है असफ़ल होने का मतलब
कमी रही है श्रम साधन में।
जैसी करनी वैसी भरनी
विधि का सकल विधान अटल है
कामयाब या असफ़ल होना
मानव की करनी का फ़ल है।।
कठिन समय में करते हैं जो
चिंता छोड़ चित्त में चिंतन
देता नयी दिशा जीवन को
उसके, वैचारिक परिवर्तन।
जो जीवन में कर्म साधना
लक्ष्यों के अनुसार करेगा
प्राप्त लक्ष्य तय अपने वो जन
निश्चित ही हर बार करेगा।।
नही विनय पर कर्महीन की
और नही अपनी मंशा पर
विधिना भाग्य बदलती केवल
कर्मदेव की अनुशंशा पर।
ग्रंथ पुरातन यही बताते
यही बुज़ुर्गों का अनुभव है
मन का सुख या भौतिक वैभव
कर्मयोग से सब सम्भव है।।
— सतीश बंसल