शर्म करो नवयुवकों
लड़कों में उच्च शिक्षा पाए
कितने साथी हैं हमारे
क्या हमारी चादरों की लंबाई
पाँव से बाहर होकर आवारागर्दी करने में है
हम शॉर्टकट चाहते हैं, सामने की अट्टालिका निहारते हैं
स्वयं तो कुछ करते नहीं,
बस स्वयं को समाजसेवी कह
दूसरे की छाती और नितंब ही निहारेंगे,
शर्म करो !