पर्यावरणविज्ञान

प्लास्टिक खानेवाले कीड़े पर रिसर्च !

सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत केंद्रीय सूचना आयोग (C.I.C.) में ‘द्वितीय अपील’ वाद (case) दायर करनेवाली भारत की पहली महिला हैं अर्चना कुमारी पॉल। इसतरह से पहली महिला  RTI एक्टिविस्ट भी हैं । आल इंडिया रेडियो के एक कार्यक्रम ‘पब्लिक स्पीक’ के माध्यम से इनकी खोज ‘प्लास्टिक खानेवाले कीड़े’ पर विशद चर्चा चली, जिनके पेटेंट को लेकर आवेदन संबंधित विभाग में विचाराधीन है। सुश्री अर्चना कुमारी पॉल ने इतिहास में भी रिसर्च की हैं, वे सिंधु घाटी सभ्यता से प्राप्त ‘अबूझ चित्रलिपि’ को वे फख़्त सांकेतिक-सन्देश भर मानती हैं, न कि किसी पढ़नेयोग्य लिपि की अबूझ-पहेली ! तो अन्य मानवीय पहल लिए ‘रिकॉर्ड ‘ स्थापित को लेकर गर्दन की सहायता के बगैर घंटों अपनी सिर को 180 डिग्री के विन्यास नचा सकती हैं, तो हाथ की मध्यमा अँगुली के जोड़ की संधिस्थल लिए घंटों लगातार अँगुली चटका सकती हैं।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.