खौफ के साए
कभी तो हटेंगे
ये खौफ के साए
कभी तो खत्म
गम की रात होगी ,
कभी चमचमाती
नई सुबह होगी
कभी महकते फूलों
की बरसात होगी ,
अब हम मिलेंगे
तभी तुमसे हमदम
तभी इश्क़ की
प्यारी सी बात होगी,
तब तक चले आओ
ख्बाबो में मेरे
खुले आसमा में
चांद के तले,
वहीं तुमसे मेरी
मुलाकात होगी।।
— अनामिका लेखिका