कविता

बेरंग

लाल , गुलाबी पीले
हरे नीले,
कई रंग होते है
परिवेश में
एक रंग
ऐसा भी
होता है
सब रंग
जिसके लिए
फीके होते हैं
बेरंग होते है
और
वो रंग है
उदासी
हा
उदासी का रंग
और
सब रंग
बेमानी हो जाते है
इस रंग के आगे
सिर्फ नजर आता है
काला ही काला
और वोह ही वक़्त
होता है नाज़ुक
जब जरूरत होती है
इस काले को हटाकर
कोई दिखाएं
रंग बिरंगे रंग
*ब्रजेश*

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020