कौआ
कौआ काला होता है,
कांव-कांव कर रोता है,
चोरी करना इसे सुहाता,
एक आंख का होता है.
एक दिवस मेरे घर आया,
मेरी रोटी ले भागा,
मैंने भी तब खूब चिढ़ाया,
”जा, जा, तू है काला कागा.
कौआ काला होता है,
कांव-कांव कर रोता है,
चोरी करना इसे सुहाता,
एक आंख का होता है.
एक दिवस मेरे घर आया,
मेरी रोटी ले भागा,
मैंने भी तब खूब चिढ़ाया,
”जा, जा, तू है काला कागा.