पंतजलि गुरु का ध्यान-योग
आज फिर विश्व में लहराया है।
हम थे विश्व में सक्षम पहले भी
आज फिर विश्व को चेताया है।
आ गया फिर योग दिवस
तन-मन स्वस्थ बनाने को।
जन-मन में करके आह्वान
विश्व व्याधि दूर भगाने को।
सूर्य की अद्वितीय किरणें
प्रबल पराक्रमी बनाती हैं।
सूर्य नमस्कार क्रिया द्वारा
सबको आनंदित करती हैं।
सूर्य- स्रोत अपार शक्ति का
विभिन्न रंगों का मिश्रण है।
ऊर्जा का गुप्त खजाना इसमें
दीर्घ कीटाणुओं का शमन है।
लक्ष्य विभिन्न विधियों द्वारा
सूर्य की शक्ति लेना है।
तन-मन-बुद्धि संतुलित कर
शांति-स्रोतों से जुड़ना है।
विभिन्न आसन-मुद्राओं से
तन शक्तिशाली बनता है।
प्राणायाम और ध्यान द्वारा
मानसिक स्तर उठता है।
ये योग नहीं एक दिन का
जीवन भर इसे निभाना है।
प्रतिदिन योगाभ्यास द्वारा
जीवन को सफल बनाना है।
— निशा नंदिनी गुप्ता