सब धान बाईस पसेरी
बिहार के नियोजित शिक्षकों का विजन 2020 यानी उनकी सोच लिए एक बिल्कुल ही नई व डेब्यू सरकार के साथ नियोजित शिक्षक केंद्रित हो ! अगर परिवार में किसी को चपरासी की नौकरी है, तो उनके बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस नहीं होंगे क्या ? एक शिक्षक के चावल व आलू-प्याज चुराने से या छात्रा को भगाने से या उनके द्वारा सही से दिन के नामों का उच्चारण नहीं करने से सभी शिक्षक चोर, बेकार व फालतू, अनपढ़ व गँवार या आवारा कैसे हुए ?
सब धान बाइस पसेरी तो बिल्कुल नहीं सोची जानी चाहिए ! वैसे ही जदयू माने सिर्फ नीतीश जी नहीं है या भाजपा माने सिर्फ़ सुशील मोदी जी ही हो, ऐसी बात नहीं ! हमें व्यक्तिवादों से मुक्ति चाहिए । बहरहाल, इन दोनों के रहते ‘नियोजित’ शिक्षकों का भविष्य गर्त में ही रहेगा ! ऐसा 2020 के प्रसंगश: अगर कहा जाता है, तो यह चौंकनेवाली बात रही कहाँ ?