लेखविज्ञान

सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण दोष या अवगुण नहीं !

सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण कोई दोष या अवगुण नहीं है, यह वैज्ञानिकता लिए है, जो कि किसी धार्मिक कर्मकांड से जुड़ी नहीं है यानी ग्रहण के समय या बाद में लोगों के या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अछूत व्यवहार करना और नदियों में लाखों की संख्या में स्नानादि कर अन्य लोगों के लिए असुविधा उत्पन्न करना ‘आडम्बर’ है, वैज्ञानिकी व्यवहार लिए नहीं !

यह सिर्फ ब्रह्मांड का कौतूहल नजारा है । हाँ, सूर्यग्रहण को किसी भी परिस्थिति में नंगी आँखों से नहीं देखने हैं, इसके लिए वैज्ञानिक उपकरण का इस्तेमाल करने जरूरी हैं, अन्यथा आँखों की रोशनी जा सकती है और तब इसे धार्मिक कर्मकांड से नहीं जोड़ दीजियेगा !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.