लघुकथा

मुखर मुस्कुराहट

दिल्ली की शैलजा के बड़े सुपुत्र का विवाह निश्चित हुआ था. विवाह से पहले यज्ञोपवीत संस्कार होना आवश्यक था, सो दोनो पुत्रों का यज्ञोपवीत संस्कार भी निश्चित हुआ.

सबको निमंत्रण भेजा गया. ऑस्ट्रेलिया से भाई आया. उसका बेटा भी यज्ञोपवीत संस्कार के लायक हो गया था.

दुबई से बहिन आई. मुंबई से उसके ससुराल वाले आए. उन्होंने भी ऐन मौके पर अपने पोते का यज्ञोपवीत संस्कार करने का मन बनाया.

डेस्टीनेशन मैरिज के लिए सभी घराती-बराती जयपुर के एक शानदार होटल में एकत्रित हुए. 40 कमरे वर पक्ष ने लिए और 40 वधू पक्ष ने. उनके सिवाय होटल में और कोई नहीं.

बड़े शानो शौकत से सभी कार्यक्रम समाप्त हुए. शहर के जाने-माने फोटोग्राफर ने फोटोज लिए थे.

सबसे ज्यादा फोटोज क्लिक हुए 80 साल की महिला उषा के, जो एक ओर ढलती सांझ की ललाम लालिमा से मालामाल थी, तो दूसरी ओर चेहरे पर प्रातःकाल की उषा की मनमोहक लालिमा के असीम सौंदर्य से सराबोर. यज्ञोपवीत संस्कार में जिसके पास सभी बारी-बारी से आंटियों के उकसाने पर ”नानी भिक्षाम देहि” या ”दादी भिक्षाम देहि” करते हुए आए थे और जो विवाह समारोह में भी नानी मां की गौरवमई गरिमा से मंडित-सुशोभित थी.

सभी फोटोज को देखने के बाद उसने अपनी डायरी में लिखा-
”सभी कार्यक्रमों का इकलौता आकर्षण खूबसूरत हल्की कढ़ाई वाली सुरमई साड़ियों में सुसज्जित उषा, खामोश रहते हुए भी जिसकी मुखर मुस्कुराहट को भुला पाना नामुमकिन है.”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “मुखर मुस्कुराहट

  • लीला तिवानी

    यों तो भारतीय परम्परागत संस्कारों की प्रतिष्ठा में ”भिक्षाम् देहि” की गुहार में किसी सम्बन्ध का नाम नहीं लिया जाता, पर ऐसे अवसर पर अक्सर हंसी-मजाक चल रहे होते हैं, इसलिए सभी बारी-बारी से आंटियों के उकसाने पर- कि -दादी-नानी के पास जा मोटा माल मिलेगा ”नानी भिक्षाम देहि” या ”दादी भिक्षाम देहि” करते हुए आए थे. खुशी के ऐसे मीठे-मधुर अवसर भी चेहरे पर मुस्कुराहट ला देते हैं.

  • लीला तिवानी

    कुछ लोग सूरत और सीरत से इतने खूबसूरत होते हैं, कि कैमरा भी उनकी मासूम खूबसूरती और मुखर मुस्कुराहट को पकड़ लेता है और फोटोग्राफर इस कला का विशेषज्ञ हो, तो फोटोज भी मुस्कुराते-बतियाते लगते हैं.

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