टिड्डीदल
सुना है…
टिड्डीदल,,,
सब चट कर जाता है!
मैदानों के मैदान
खलिहानों के खलिहान
क्षण में,
चुग यह जाता है!!
सुना है…
हां ! आजकल
मेरे देश में
है फैला
नफ़रत का व्यापार !
धर्मांतरण करवाते
राजनीतिक दल
जिनका धर्म है
भ्रष्टाचार!!
नासूर बन चुकी है यहां
मजहब की दीवार
सुनो! ऐ टिड्डीदल,
करो ऐसे लोगों के
ज़मीर पर प्रहार !
और पल भर में चट कर जाओ
भ्रष्टाचार और नफ़रत
होगा तुम्हारा उपकार !!
सुना है…
अंजु गुप्ता