कविता

टिड्डीदल

 

सुना है…
टिड्डीदल,,,
सब चट कर जाता है!
मैदानों के मैदान
खलिहानों के खलिहान
क्षण में,
चुग यह जाता है!!
सुना है…

हां ! आजकल
मेरे देश में
है फैला
नफ़रत का व्यापार !
धर्मांतरण करवाते
राजनीतिक दल
जिनका धर्म है
भ्रष्टाचार!!

नासूर बन चुकी है यहां
मजहब की दीवार
सुनो! ऐ टिड्डीदल,
करो ऐसे लोगों के
ज़मीर पर प्रहार !
और पल भर में चट कर जाओ
भ्रष्टाचार और नफ़रत
होगा तुम्हारा उपकार !!
सुना है…

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed