सबला को सलाम
मार्च 2017 में प्रकाशित खबर
‘उदयपुर में चार बहुओं ने दिखाया
दशरथ मांझी जैसा दम’
पढ़कर लगा महिला ‘अबला’ नहीं ‘सबला’ है।
प्रत्येक महिला झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई है।
जिसतरह से गया जिला में अवस्थित
एक पहाड़ के बीचवाले हिस्से को काटकर
दशरथ मांझी ने नब्बे के दशक में रास्ता बनाये थे,
वैसी ही जुनून दिखाती हुई
राजस्थान के उदयपुर जिले के लांबाहल्दू गाँव की
बहू लाली सहित 4 महिलाएँ मिलकर
और छेनी- हथौड़े के साथ
40 फ़ीट गहरा और 20 फ़ीट चौड़ा कुँआ खोद डाली,
जिसे खोदने में 3 साल लगा।
ऐसी मजदूर महिलाओं के कारण
यह गाँव ‘जल- संरक्षण’ में आगे हो गया ।
ऐसी ज़ज़्बा को हमारी ओर से सलाम और प्रणाम ।