सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री
वर्ष 1960 से अफ्रीका में 200 से अधिक सैन्य तख्तापलट हुए, लेकिन कहा गया है कि ‘हर तख्तापलट खून की मांग करती हैं’ । परंतु जिम्बाब्वे जिन्हें 1980 में ब्रिटिश शासकों से आजादी मिली थी, किंतु 1980 से लेकर 2017 तक यानी 37 साल तक ब्रिटिश शासक तो वहां से भाग गए, अपितु रॉबर्ट मुगाबे ने जिम्बाब्वे पर 37 साल तक तानाशाही-जैसा राज किया।
राजा कैसा भी हो, लेकिन जब तक वह नागरिकों के दर्द को न समझ पायें, वह टूटती ही हैं, ठीक 37 साल बाद हुए तख्तापलट में उनकी तानाशाही तो टूट गयी, लेकिन अनजाने में ही सही परंतु युवाओं में यह सीख देने में वह कामयाब हो गए कि 94 साल के मुगाबे बुजुर्ग होने के बाद भी राजनीति में चिर युवा हैं।
वहीं कुछ मिथक को तोड़ते हुए मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने उम्र को धता बता, वहां के पुनः प्रधानमंत्री चुने गए और उसने भारतीय प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सबसे अधिक उम्र में प्रधानमंत्री बनने की उम्र को पीछे छोड़ते हुए 92 साल में मलेशिया के बुजुर्ग प्रधानमंत्री बन गए।