गीत/नवगीत

भोजपुरी, होली गीत

“होली गीत”

होरी खेलन हम जईबे हो मैया गाँव की गलियाँ
सरसों के खेतवा फुलईबे हो मैया गाँव की गलियाँ।।

रंग लगईबें, गुलाल उड़ेईबें, सखियन संग चुनर लहरैबें
भौजी के चोलिया भिगेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ…..होरी खेलन…..

पूवा अरु पकवान बनेईबें, नईहर ढंग हुनर दिखलईबें
बाबुल के महिमा बढ़ेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ…..होरी खेलन…..

झूमर अरु चौताल सुनेईबें, चईता रंगफाग दोहरईबें
डेढ़तल्ली गुनगुनेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ….. होरी खेलन…..

भाई भतीजा के अँगना छहेईबें, नेहियाँ के डोर पहाड़े चढ़ेईबें
ससुरा में सूरज उगेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ….. होरी खेलन…..

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ