लॉउडस्पीकर से अध्यापन
अध्यापन के शुरुआती दौर में लाउडस्पीकर से प्रचार-प्रसार करने पर एतदर्थ छात्रों की भीड़ विद्यालय में होने के कारण व्यापक रूप से कोचिंग क्लासेस प्रभावित हुई, तब कोचिंग संचालकों से मुझे जान से हाथ धो लेने की धमकी भी मिली, जिनकी शिकायत मैंने तत्काल सक्षम प्राधिकार से किया, किंतु सहयोग नहीं मिला.
विद्यालय में छात्रों की आवाजाही कम हो गयी, क्योंकि विद्यालय-अवधि में ही कोचिंग संचालित हो रहे थे और छात्र उस समय वहाँ होते थे, तब मैंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत जिला शिक्षा कार्यालय सहित राज्य और केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग व शिक्षा विभाग को एतदर्थ सूचनावेदन भेजा, जिनका कार्यान्वयन हुआ अर्थात मेरे ही सूचनावेदन पर बिहार में कोचिंग एक्ट लागू हुआ.
अब विद्यालय-अवधि में कोई भी कोचिंग संस्थान संचालित नहीं हो रही हैं अगर हो भी रही होगी, तो चोरी छिपे. वैसे इस संबंध में जानकारी मिलते ही मैं गोपनीय तरीके से एतदर्थ सूचना स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन को दे देता हूँ. अब फिर विद्यालय में छात्रों की आवाजाही होने लगी और पठन पाठन के एतदर्थ छात्रों के बीच हरियाली छा गयी.