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लॉउडस्पीकर से अध्यापन

अध्यापन के शुरुआती दौर में लाउडस्पीकर से प्रचार-प्रसार करने पर एतदर्थ छात्रों की भीड़ विद्यालय में होने के कारण व्यापक रूप से कोचिंग क्लासेस प्रभावित हुई, तब कोचिंग संचालकों से मुझे जान से हाथ धो लेने की धमकी भी मिली, जिनकी शिकायत मैंने तत्काल सक्षम प्राधिकार से किया, किंतु सहयोग नहीं मिला.

विद्यालय में छात्रों की आवाजाही कम हो गयी, क्योंकि विद्यालय-अवधि में ही कोचिंग संचालित हो रहे थे और छात्र उस समय वहाँ होते थे, तब मैंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत जिला शिक्षा कार्यालय सहित राज्य और केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग व शिक्षा विभाग को एतदर्थ सूचनावेदन भेजा, जिनका कार्यान्वयन हुआ अर्थात मेरे ही सूचनावेदन पर बिहार में कोचिंग एक्ट लागू हुआ.

अब विद्यालय-अवधि में कोई भी कोचिंग संस्थान संचालित नहीं हो रही हैं अगर हो भी रही होगी, तो चोरी छिपे. वैसे इस संबंध में जानकारी मिलते ही मैं गोपनीय तरीके से एतदर्थ सूचना स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन को दे देता हूँ. अब फिर विद्यालय में छात्रों की आवाजाही होने लगी और पठन पाठन के एतदर्थ छात्रों के बीच हरियाली छा गयी.

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.