आयुर्वेद का तयशुदा सच !
कोरोनील टेबलेट अगर कारगर है, तो गलत कैसे ? यह अगर सस्ती मिले तो बेहतर है । दवा में शोध जरूरी है, किन्तु पतंजलि अविश्वनीय नहीं है । ध्यातव्य है, आयुर्वेद में साइडइफ़ेक्ट न के बराबर है ! विदित हो, किट विकसित होने के बाद कोरोना हेतु बने सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ बने । आमिर खान प्रस्तुत सीजनली टी.वी. धारावाहिक ‘सत्यमेव जयते’ में सस्ती व जेनेरिक दवाइयों की चर्चा हुई थी।
पिछले साल माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की पहल पर अखिल भारतीय चिकित्सा बोर्ड ने भारत भर के सभी एलोपैथिक चिकित्सकों के लिए आदेश जारी किया है कि अब वे प्रेस्क्रेप्शन पर सस्ती व जेनेरिक दवाइयाँ लिखे तथा रोगियों पर आर्थिक भार कम देने के उद्देश्य से ज्यादा मात्रा में दवाइयाँ न लिखें, बावजूद इस आदेश को नज़रअंदाज़ कर चिकित्सकों द्वारा दवाई कंपनियों से कमिटमेंट कर तथा एम.आर. से पैसे की लेन-देन कर महँगी दवाई धड़ल्ले से लिख रहे हैं।