स्वास्थ्य

डिप्रेशन क्यों होता है?

डिप्रेशन क्यों होता है? यह बहुत ही विचारणीय प्रश्न  है जब कोई दुखो में डूब जाता है, सारी  दुनिया उसे काली लगने लगती है, तब  व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। अवसाद का अर्थ मनोभावों से सम्बन्धी दुःख से होता है। अधिकतर यह देखा गया की जो प्रेम में ज्यादा डूबा है, और उसे उसका प्रेम नहीं मिला है, तो वह अवसाद में डूब जाता है। अवसाद की अवस्था में व्यक्ति स्वयं को लाचार समझता है, प्रेम ही नहीं वरन आज की परिस्थियों को देखते हुए बहुत सारे  कारण  अवसाद के होते है। अवसाद के कारण   नींद  नहीं आती है। विश्व सवास्थ्य संगठन के अनुसार अवसाद बहुत सामान्य बीमारी है। इस बीमारी का समय ६-८ महीने रहता है, अगर आपके किसी बहुत प्रिय की मृत्यु हो जाये और आप दुखी है, तो यह स्वाभाविक प्रक्रिया है, और उसके दुःख में आप बहुत भावुक रहते है तो आप अवसाद का शिकार होते है। अगर आप जीवन में खालीपन महसूस कर रहे है तो अवसाद में है एक सर्वे के अनुसार महिलाओ को  जल्दी अक्साद होता है पुरुषो के अपेक्षा मानसिक रोग पागलपन नहीं है
जब कोई अवसाद का शिकार हो तो उसे गाना  सुनना चाहिए, मस्ती करनी चाहिए। जीवन के हर क्षण  का मजा लेना चाहिए, उसे कभी अकेले नहीं रहना चाहिए। उसे प्रकृति से बात करनी चाहिए। जीवन के हर छड़ में आनद की अनुभूति करनी चाहिए सामाजिक मेल जोल जयादा बढ़ाना चाहिए नकारात्मक लोगो के पास नहीं रहना चाहिए सुबह शाम धूप  लेनी चाहिए कसरत करने से भी अक्साद दूर होता है आप जितना मस्त रहेंगे उतना ही अवसाद से दूर रहेंगे संतुलित आहार में अगर आप विटामिन डी लेते है तो बहुत अच्छा रहता है शराब और ऐसी कोई बस्तु से दूर रहे जो हानि पहुँचती हो खुद को दोष न दे जिंदगी बहुत ख़ूबसूरत है और एक ही बार मिली है तो मस्त रहे और  सबसे बड़ी बात  अपने व्यस्त रखे जितना व्यस्त आप होंगे उतना ही कुछ सोच नहीं पाएंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगो से मिलिए और हर समय सीखिए
दुनिया से जुड़ीये हर किसी से सकारत्मक बात करिए अपने जो करीबी उनसे बात करीये बच्चो के साथ मस्ती करे अपना बचपन याद  करे कभी कभी उनकी तरह हरकत करे अवसाद बहुत दूर हो जायेगा जिनगी बहुत कीमती है उसे खुशहाल रखे दुनिया में कुछ नहीं रखा है और न ही आप धन दौलत अपने साथ ले जाने वाले है जब शरीर आप साथ नहीं ले जा सकते तो बाकि क्या ले जा पाएंगे जो कुछ आज है अभी है कल किसने देखा है तो दूसरो को ख़ुशी  देने के बाद जो मन को संतुष्टि मिलती है वो बहुत धन दौलत में नहीं मिलती है यदि आपने कभी कोई पुरस्कार पाया है उस लम्हे को याद करीये आप अपने आत्मविश्वास को कभी कम मत करीये आप हमेशा यह सोचे की मुझसे अच्छा कोई नहीं है इस दुनिया में आप अपने को पहचाने अपनी क़ाबलियत को पहचाने और धीरे धीरे अपना काम दुबारा शरू करे आप कभी अवसाद में नहीं आएंगे
— गरिमा 

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384