कविता

हम न बदलेंगे…

मुस्कुराते हैं होंठ और सदा मुस्कुराते रहेंगे।
तुम लाख कोशिश कर लो हम न बदलेंगे।

कितनी ही बाधाएं आईं राहों में मगर देखो;
हम मंज़िल की तलाश में यूंही बढ़ते रहेंगे।
तुम लाख कोशिश…….

वक्त बदला और बदले हालात देखते देखते;
न छोड़ी राह सही और न ग़लत कभी सहेंगे।
तुम लाख कोशिश……

अपने उसूलों की खातिर खोया बहुत कुछ भले;
समझोता न गल्त से किया है कभी और न करेंगे।
तुम लाख कोशिश …….

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |