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आदर्श विद्यालयों में इनकी भी सुव्यवस्था हो !

जिस क्षेत्र में हूँ, वहाँ प्रति वर्ष फरवरी से पेयजलापूर्ति की समस्या उभर आती है तथा छात्र-छात्रा, शिक्षक-शिक्षिका आदि के लिए अलग-अलग शौचालय व मूत्रालय की व्यवस्था नहीं होने से समस्या और भी विकट हो जाती है।

हालाँकि मैं बालिका उच्च विद्यालय में हूँ, फिर भी यहाँ छात्राओं के लिए कम से कम 4 शौचालय और अलग से 4 मूत्रालय होने हैं, क्योंकि महिलाजन्य मूत्रांग के कारणश:  शौचालय में मूत्र-विसर्जन से उनके जननांग संक्रमित हो सकते हैं । उसी तरह शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए भी ये दोनों की अलग-अलग व्यवस्था हो । जहाँ सह-शिक्षा है, वहाँ छात्र के लिए भी अलग-अलग ।

हमारे विद्यालय में दोनों प्रकार के प्रसाधन कक्ष को सरकारी योजना-मद प्रतिपूरित किया गया, किंतु सरकारी स्तर से पेयजलापूर्ति की समस्या दूर नहीं हो पाई है, जिससे पेयजल सहित शौच व मूत्रनिवृत्ति के लिए समस्याजनित हो ही जाती है आखिर, बावजूद हम शिक्षकबंधु आपस में चंदा ले-देकर ‘गैलन’ वाले पेयजलापूर्त्ति की व्यवस्था कर इससे निजात पाने का प्रयास की जा रही है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.