जनसंख्या नियंत्रण पर 5 हँसिकाएँ
डॉ. सदानंद पॉल की जनसंख्या नियंत्रण पर कविताएँ
1.
जनसंख्या नियंत्रण
काहे को भारत में
‘जनसंख्या दिवस’,
यहाँ शादी करने की
फनफनी रहती है
और
बच्चे पैदा करने की हनहनी !
2.
विश्व जनसंख्या दिवस
जिनके एक से अधिक बच्चे हैं,
उन्हें ‘विश्व जनसंख्या दिवस’
यानी 11 जुलाई दिवस
पर रत्ती भर भी
बोलने का
अधिकार नहीं है !
यह कहना सही है ।
3.
सबसे बड़ी संख्या
भारत सहित 6 देशों में
संसार की
आधी आबादी रहती है,
फिर काहे को भारत में
‘जनसंख्या दिवस’ !
4.
शादी से बढ़ी आबादी
शादी से बढ़ती जाती आबादी,
बढ़ती आबादी से होती बर्बादी !
शादी है अपशकुन,
यह नहीं है शुभलगुन !
गुण-अवगुण से परे,
सोचें हम
कि जनसंख्या दूर कैसे करें ?
5.
एक परिवार एक संतान
हिन्दू हो या मुसलमान,
एक परिवार, एक संतान !
सिख हो या क्रिस्तान,
एक परिवार, एक संतान !
अगर हैं आप इंसान,
तो एक परिवार, एक संतान !
बची है आपमें ईमान,
तो एक परिवार, संतान !