दुनियाभर की दुआएँ जिनके साथ है, वह है ‘अमिताभ बच्चन’
बड़ी से बड़ी विपदा से आप निकल आए, COVID 19 क्या चीज है ? आपके स्वास्थ्यलाभ की कामना करता हूँ. सादर प्रणाम। विविध संचार माध्यमों के द्वारा कोरोना वायरस के विरुद्ध आपके अभियान से हमें हौसला मिली है, वही हौसला आप बरकरार रखिये।
फ़िल्म ‘कुली’ के शूटिंग हादसा सहित कई विपदाओं से आप निकल गए, ये कौन सी चीज है ? भले ही कोरोना एक बला है, किन्तु आप महानायक हैं, सभी बलाओं (खलनायकों) को नेस्तनाबूद करनेवाले हैं, महायोद्धा हैं। कई प्रशंसकों ने उन्हें पत्र लिखे होंगे, यह दीगर बात है, परंतु तब 19 वर्षीय मैंने उनकी फ़िल्मी-यात्रा की, भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनके सनक की, असली मर्द होने की, शहंशाह होने की, किंतु इन सबसे ऊपर भारतीयता का भाव जगाते हुए यानी वे अभिनय के लिए ही बने हैं….
अमित जी को मैंने एक समीक्षात्मक-पत्र नवम्बर 1994 में रज़िष्ट्री डाक से भेजा। दि. 25 दिसम्बर 1994 को लिखित महानायक अमिताभ बच्चन के हस्ताक्षरित पत्र-वार्त्ता व जवाबी-पत्र मुझे प्राप्त हुआ और उसके बाद वे यंग एंग्रीमैन से महानायक बन गए और आज वास्तविक महानायक हैं। पत्र यह है, पढ़िए-
“प्रियवर सदानंद पॉल, आपका पत्र तथा आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद ! आप जैसे प्रशंसक , शुभचिंतक और दोस्त मुझसे पत्र द्वारा संपर्क में रहते हैं, इसकी मुझे प्रसन्नता है। फिलहाल मैंने कोई नई फ़िल्म अनुबंधित करने से पहले कुछ दिन विश्राम करने का निर्णय लिया है। शायद अब यह समय आ गया है कि मैं किसतरह के किरदार अदा करूँ, इसपर ध्यान दूं और यही वजह है कि मेरी निकट भविष्य में कोई फ़िल्म रिलीज़ नहीं हो रही है, परंतु भविष्य में मैं फिल्मों में जरूर काम करूंगा और इसकी जानकारी आपको फ़िल्म- पत्रिकाओं द्वारा मिल जाएगी। आपके लगातार हौसले और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद !
शुभकामनाओं सहित।
सस्नेह- अमिताभ बच्चन.”