खिलौना
अनमोल है ये जीवन, इसे खोना नहीं
सोचो अपनों के बारे, पड़े उन्हें रोना नहीं
गिनना अपनी खुशियां, अपने सुख को
याद रखो कभी दु:खों की माला पिरोना नहीं
जीवन की बगिया में खिले कई सुंदर फूल
इन्हीं से मन भरो, बस विलग होना नहीं
सभी यादें तो सुखदाई नहीं होती कभी
जो दु:ख देती हों ऐसी यादें संजोना नहीं
है कितने लोग, जिनको प्राणों से प्यारे तुम
उन्ही के लिए जियो, जीवन ये खिलौना नहीं
— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”