ग़ज़ल
जीवन का भरपूर मज़ा लो।
चेहरे पर मुस्कान सजा लो।
फेंक परे सब झगड़े झंझट,
दुश्मन को भी दोस्त बना लो।
दोस्त अगर हो रूठा कोई,
देर करो मत जल्द मना लो।
नफ़रत को मत पालो दिलमें,
मन में अपने प्यार बसा लो।
रिश्ते सब अनमोल जगत के,
करके कुछतुम त्यागबचा लो।
— हमीद कानपुरी