साथ तेरा बस, मिल जाए तो
साथ तेरा बस, मिल जाए तो, और न कुछ हमें पाना है। तू ही, दिल में बसती, प्यारी, तू ही प्रेम, तू गाना हैैै।। हमको धन की चाह नहीं है। पद की भी कोई आह नहीं है। तुझको कुछ पल, सुख दे पाऊँ, दुनिया की, परवाह नहीं है। भटकता फिरता, अनाड़ी था मैं, तुझसे मिल सब जाना है। तू ही, दिल में बसती, प्यारी, तू ही प्रेम, तू गाना हैैै।। अलकों में उँगली दे खेलूँ। पलकों में ले, सब कुछ झेलूँ। समस्यायें कितनी भी आयें, सबको ठेलूँ, सबको पेलूँ। यादों में मैं, तड़प रहा हूँ, तुझको, क्यूँ कर आना है। तू ही, दिल में बसती, प्यारी, तू ही प्रेम, तू गाना हैैै।। प्रेम का जादू, तूने चलाया। खुद आ बैठी, सबको भुलाया। दिल के अन्दर किया कैद क्यूँ? कभी हँसाया, कभी रुलाया। पल-पल नई नवेली अब भी, मैंने ना पहचाना है। तू ही, दिल में बसती, प्यारी, तू ही प्रेम, तू गाना हैैै।। संग-साथ आ, गले लगा ले। नयनों से आ, नयन मिला ले। प्रेम पथिक हूँ, प्यासा युग का, आ! अधरों से, सुधा पिला दे। झूठ, कपट, छल नहीं सहूँगा, प्रेम में मरना ठाना है। तू ही, दिल में बसती, प्यारी, तू ही प्रेम, तू गाना हैैै।।