दुभाषिए
न जातपात
न सरहदें
अंजान है वो…
अजानों और
घंटियों की आवाज़ों से
मजहबी
नफ़रत के दरवाजों से
हां!
तन – मन के उजले
“शान्तिदूत” कपोत
लिए स्वतंत्रता और
भाईचारे का सन्देश
विचरें,,,
नील गगन में
… बन दुभाषिए ।
अंजु गुप्ता
न जातपात
न सरहदें
अंजान है वो…
अजानों और
घंटियों की आवाज़ों से
मजहबी
नफ़रत के दरवाजों से
हां!
तन – मन के उजले
“शान्तिदूत” कपोत
लिए स्वतंत्रता और
भाईचारे का सन्देश
विचरें,,,
नील गगन में
… बन दुभाषिए ।
अंजु गुप्ता