6 रहस्यभेदक कविताएँ
1.
ख़ूनसना बनाम विलासीपना
वे तो आशा के साथ है,
हम ही निराशाजीवी हैं !
जीवन-मरण से परे
मीत-कुमित्र के लेर-फेर में
हम पराधीन कब हो गए ?
पता ही नहीं चला !
यह विलासीपना !
है खूनसना !
2.
क़ानूनतोड़क लोगन
यहाँ के मूढ़मगज़ लोग
माननेवाले कहाँ हैं ?
वे तो कानून तोड़ने में लगे रहते हैं ?
चाहे लाख बार
लॉकडाउन लगे
या कोरोना-वोरोना से मरे !
3.
इंदौरी साहब
यह आश्चर्य नहीं,
मेरे यहाँ तो रोज ब रोज !
मकान ढहना,
मकान का जीर्णोद्धार
या नए सिरे से मकान बनाना !
पर यहीं हूँ, इंदौर में !
राहत इंदौरी !
4.
अतिविश्वास पर हल्लाबोल
मनिहारी अनुमंडल क्षेत्र में
कब लगेगी लॉकडाउन ?
यहाँ भेड़ियाधसान हैं लोग !
आत्मविश्वास ठीक है,
पर अतिविश्वास नहीं हो !
….और अविश्वास नहीं हो !
5.
संजय दत्त
गलत आदत बुरी बात है,
पर अच्छी आदत भी
एकदम
सही बात भी नहीं है ?
हम आदतों को सँवारकर
छत पर रख देते हैं
और आदत-आदत खेलते हैं
और जरूरत पड़े तो
संजय दत्त को बुला लेते हैं !
6.
आजादी
ज्यादा छूट के कारण
लोग मटरगश्ती करने लगे
और जिनसे कई सौ गुने
कोरोना संक्रमित हो गए !
अब जुलाई भर
बिहार में लॉकडाउन !
लो कर लो भोगडाउन !