गीत/नवगीत

गीत  लावणी छंद – आज नई शुरुआत करें

आओ भूलें!कटु अनुभव को,
क्यों उनकी हम बात करें ।
संचित कर मृदु भाव हृदय में,
आज नई शुरुआत करें ।
घाव दिलों के भरे वक्त ही,
सिद्ध समय ही कर देता ।
अंत बाद, आरम्भ हुआ है,
विश्वास हृदय को देता ।
उपज न पाए,मन नीरसता
कटुता पर आघात करें।
संचित कर मृदु भाव हृदय में,
आज नई शुरुआत करें ।
गहन निशा के जाने पर.ही ,
दिनकर किरणें आती है ।
निश्चित रात दिवस का होना ,
कुदरत चक्र चलाती है ।
मंगलमय हो जाये हर क्षण ,
सुंदर नवल प्रभात करें।
संचित कर मृदु भाव हृदय में,
आज नई शुरुआत करें ।
जड़ नही,गतिशील है जीवन,
सरिता कलकल कर बहती ।
अनहद गीत मचलती गाती ,
श्रृंगारित धरती करती।
क्यो बढ़ते हो, तम के पथ पर ?
हर दिन को सौगात करें ।
संचित कर मृदु भाव हृदय में,
आज नई शुरुआत करें ।
— रीना गोयल ( हरियाणा)

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर