/ कोई शिकायत नहीं /
हंसनेवालों को हंसने दो
यह नयी बात तो नहीं
अपने रास्ते पर चलनेवालों को
मैं फिसलता हूँ, गिरता हूँ
लड़खड़ाता हूँ तो क्या
विचारों की दुनिया में
एक स्वतंत्रता है, अंतर्वस्तु है मेरी
सामाजिक चिंतन में समर्पित हूँ
अपना कुछ देने का
एक प्रबल प्रयास है देखो
मेरे हर कदम में
ज्ञान का एक प्यास है
असमानता के इस संसार में
विचलित दुःख का दाग है
जिम्मेदारी ले ली मैंने
जिंदगी लेकर इस दुनिया में
व्यर्थ न गँवाता, इस जन्म को
पल – पल सँवारता एकात्मकता को।
मानवता के चिंतन में
गहराई हूँ मैं अपने आप में
विशाल तत्व में
मैं भी एक जीव हूँ, चेतना हूँ।