‘मेरा नाम जोकर’ के महान गीतकार नीरज
कवि-गीतकार गोपालदास नीरज, जिनके साथ कभी मैंने भी किया था ‘काव्य-पाठ’…… पद्मश्री, फिर पद्मभूषण गोपाल दास ‘नीरज’ 19 जुलाई 2018 को इस दुनिया से कूच कर गए।
कुछ इस अंदाज में… ‘ए भाई, जरा देखके चलो… आगे भी, पीछे भी, बायें भी, दायें भी…’ अलविदा कवि सम्राट … बकौल नीरज-
“न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ,
कि इतनी सी बस ये बात है;
किसी की आँख खुल गई
किसी को नींद आ गई ।”
बिल्कुल अपने अंदाज़ के कवि, शायर और फिल्मी गीतकार नीरज जी 94 साल तक पृथ्वीवाली जिंदगी में रहे । पटना पुस्तक मेला में मैंने कभी दादा नीरज के साथ मंच साझा किया था तथा कविता-पाठ किया था । वे अस्थमा से पीड़ित थे, बावजूद भौतिक शरीर को 94 वर्ष से ऊपर लेकर गए। आज दादाजी की पहली पुण्यतिथि है । शत -शत नमन और सादर श्रद्धांजलि!