5 प्रतिभाशाली क्षणिकाएँ
1.
चंद्रशेखर आजाद
अमर क्रांतिकारी,
स्वबलिदानी,
स्वतंत्रता सेनानी
“चंद्रशेखर आजाद”
के जन्मदिवस पर
सादर नमन !
इलाहाबाद या प्रयागराज
सिर्फ धार्मिक कारणों से ही नहीं,
चंद्रशेखर आजाद के बलिदान
के लिए भी गर्वोन्नत है !
2.
चोली के पीछे ?
‘चोली के पीछे क्या है ?
चुनरी के नीचे क्या है ?’
क्या इस गाने पर
प्रतिबंध नहीं लगनी चाहिए ?
ऐसे-ऐसे गाने
सुर्खियाँ बटोर सकते हैं,
अवार्ड ले सकते हैं !
तो दोषी हम हैं,
गीतकार या गायक नहीं !
हम इसे सुनते क्यों हैं ?
सुनाते क्यों हैं ?
3.
मस्त-मस्त चीज
नारीवादियों को…
‘तू चीज बड़ी है मस्त -मस्त’
‘गोरे -गोरे मुखड़े पे काला -काला तिल’
आदि गाने पर
रोक लगानी चाहिए !
क्यों ? …या आखिर क्यों ?
विचार अभिव्यक्ति
या द्विअर्थी विचाराभिव्यक्ति !
सौंदर्य की सापेक्षता लिए
इतनी कुत्सित अभिव्यक्ति क्यों ?
कि दशकों से भी है ज्यों-त्यों !
4.
पूर्णविराम
भारत में रेडियो प्रसारण
पहलीबार 23 जुलाई 1927 को !
राष्ट्रीय रेडियो प्रसारण दिवस की
शुभकामनाएं ! हृदकामनाएँ !
शुभमंगलकामनाएँ ! शुभेच्छाएँ !
रेडियो अभी भी
लोगों के प्राण है, महाप्राण है !
अगर यह सेवा ठप्प हो गयी,
तो पूर्णविराम है, अल्पविराम नहीं !
5.
विशिष्ट प्रतिभा
जब गुजरात के सीएम थे,
तब भी अमरीका से
गिड़गिड़ाए नहीं !
अब भारत के पीएम हैं,
तो ‘डोनाल्ड ट्रंप’
दुबारा राष्ट्रपति बनने हेतु
आपकी मदद चाह रहे हैं ?
यह ‘कभी नाव पर गाड़ी
और गाड़ी पर नाव’ नहीं है,
अपितु यह
विशिष्ट प्रतिभा का सम्मान है !