9 प्रश्नबोधित कविताएँ
1.
हारे तो मतदाता
2020 में मध्यप्रदेश में
सरकार बदली,
तड़प बदले, कसक बदले, धसक बदले !
2020 में राजस्थान में
हलचल हुई, पर सरकार वही रही !
सरकार गिरने और बचने की कवायद रही !
हम प्रतिबद्धता लिए अंगीकृत करते हैं
कि कौन हारे ?
कि जीते ?
जीते कोई नहीं,
पर हारे तो मतदाता !
2.
जीत-हार
अभ्यास मैच ड्रा रहा,
तो ऑरिजिनल टेस्ट मैच भी ड्रा रहेंगे,
ऐसी बात नहीं है !
अभ्यास मैच हम हारे,
तो ऑरिजिनल मैच भी हम हार जाएंगे,
ऐसी बात नहीं है !
बात क्या है ? बात पर बेबात क्या है ?
बात ही नहीं, अगली दफा जज्बात क्या है !
सभी को देखकर ही मैचों में
जीत-हार तय होती है !
3.
क्या यह सच है ?
नासा ने कहा-
धरती से बेहद नजदीक होकर
गुजरेगी उल्कापिंड आज !
क्या यह सच है ?
उनकी गति से उत्पन्न वायु, वायुदाब
या हवा के झोंके से
धरती निवासी प्रभावित हो सकती है !
उल्कापिंडों के धरती से टकराने के सबुत भी हैं,
जहाँ गड्ढे हो गए हैं
और वहाँ बड़ी चट्टान भी आ गयी है !
4.
परिष्कृत बचपन
हमारी कहानियाँ अब
परियों से अलग हो गयी है…..
बच्चों को भी इनकी कथा
अब सिर्फ गल्प लगती है !
वे तो अन्वेषण करना चाहते हैं,
वे तो टेलिस्कोप माँगते हैं
और धरती से पार
अंतरिक्ष पहुँचना चाहते हैं !
वे नानी-दादी की कहानियों से परे
कोरोना से निजात पाने की टीका
ढूढ़ना चाहते हैं !
उनका बचपन परिष्कृत हो चुका है !
5.
किशोर पत्रिकाएँ
चंदामामा, नंदन, पराग,
बालहंस, चंपक, लोटपोट
इत्यादि बाल पत्रिकाएँ हैं, थी !
तो सुमन सौरभ, बालदर्शन,
किशोर लेखनी इत्यादि तो
किशोरों की पत्रिकाएँ थी, हैं !
यंग इंडिया सरीखे
युवाओं की भी पत्रिकाएँ थी,
आज भी है, कोई-कोई कई-कई !
महिलाओं के लिए भी
मेरी सहेली जैसी कई हैं,
पर बुजुर्गों के लिए सिर्फ
कल्याण, शांति संदेश, अखण्ड ज्योति
इत्यादि धार्मिक या आध्यात्मिक पत्रिकाएँ ही क्यों ?
मुझे नहीं लगता कि सभी बुजुर्ग
धार्मिक या आध्यात्मिक ही हो !
6.
कटिहारनामा
कटिहार स्वयं में समेटे
एक महान जिला है !
कटिहार जिला गान
स्वयं में संग्रहालय समेटे हैं !
यह जिला पूर्वाध्याय से उपसंहार तक की
कथा समेटे हैं,
इसके साथ ही
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन
यानी सभी हैं यहाँ !
सिख धर्म के लक्ष्मीपुर गुरुद्वारा,
हिन्दू धर्म के गोरखपुर शिव मन्दिर,
तो नवाबगंज ठाकुरबाड़ी !
इस्लाम धर्म के लिए
पीर जीतनशाह की मज़ार,
तो कई मिशनरीज़ हैं यहाँ
ईसाइयों के !
स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान, एक्टिविस्ट,
गिनीज रिकॉर्ड्स होल्डर और साहित्यकार भी !
7.
फर्क
तन्हाई हो या तन्हा-तन्हा
क्या फर्क पड़ता है ?
मजबूरी हो या दीदारेविलासी
क्या फर्क पड़ता है ?
उनकी तारीफ हमेशा हो सकती है,
पर मेरी क्यों नहीं ?
यह फरेब, यह अगर-मगर
क्या फर्क पड़ता है ?
पर यही कुछ अपने पड़ आ जाय,
तो वाकई फर्क पड़ता है !
8.
रुनझुन
आज जो बारिश हो रही है,
उनकी आवाज सुनी आपने !
यह ‘रिमझिम’ नहीं,
‘रुनझुन’ कह रही है?
यह झमाझम नहीं है,
मंथर गति लिए
सिर्फ सुनसुन कह रही है !
9.
अतृप्त गणित
यही मोड़ सबके जिंदगी में आती है
भविष्यार्थ शुभमंगलकामनाएँ !
पर इन मोड़ों पर
उनकी जिम्मेदारी अघोषित है !
यह अतृप्त गणित के विन्यस्त:
अनुदार पृष्ठभूमि तैयार करती है !
जिनके ही विन्यास पर अवतार
गुणित करती है,
जो सीख अवश्य देती है !
शुक्रिया मैडम🙏
बिल्कुल !
आदरणीया मैडम🙏
सादर आभार….
प्रिय सदानंद भाई जी, हमारे आज के ब्लोग ‘सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन- 2’ में आप देखेंगे, कि हम पाठको की काव्य-रचनाएँ भी प्रकाशित करते हैं. कविता सकारात्मक, सार्थ, सटीक व सदाबहार होनी चाहिए. आप भी सादर आमंत्रित हैं. शेष बातें मेल पर.
प्रिय सदानंद भाई जी, बहुत बढ़िया व रोचक कविताएँ