कविता

सावन का महीना

सावन का महीना बहुत खूबसूरत होता है,
धरती और आकाश का मिलन इसी महीने में होता है,
चारों तरफ हरियाली छा जाती है,
मन का मयूर नाचने लगता है,
ऐसे लगता है जैसे धरती हरि चुनर ओढ़ कर,
नृत्य कर रही हो।
सावन में छाई हरियाली किसी की याद दिलाती है,
प्रीतम कहां हो तुम इस मौसम में,
सावन में सब कुछ बहुत मीठा मीठा लगता है,
जब काली घटा घर जाती है,
और बादलों से बादलों का मिलन होता है,
तब मन नृत्य करने लगता है,
बादलों के अंदर एक सुंदर आकृति से दिखाई देती है,
धरती पर फैली हरियाली मन विभोर कर देती है,
सावन आते ही सखियों का साथ झूला झूलना बहुत अच्छा लगता है,
झूला झूलते जब बारिश की बूंदे मन को भिगोती है,
तो प्रेम की बरसात होती है।
सावन में चारों और कोयल की आवाज सुरीली लगती है
पेड़ पौधे पंछी सब नृत्य करने लगते हैं,
सावन में आते ही सब कुछ हरा हरा ही दिखता है,
सावन आता है खुशियां लाता है।।
— गरिमा, लखनऊ

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384