6 स्वच्छंद कविताएँ
1.
मॉडरेटर
टिप्पणी न करने से तात्पर्य
न पढ़ने से थोड़े है, मोहतरम !
साहित्य से जुड़ाव
ढोल पीटकर तो नहीं की जाती !
प्रकाशन का निर्णय आप पर है !
आप एडमिन हैं,
मॉडरेटर हैं,
मर्जी तो आपकी ही चलेगी !
फिर भी सादर प्रेषित !
2.
उत्साहित पोस्ट
आपने पोस्ट किया,
इसके लिए आपको
हृदय से आभार, भाई !
पुनश्च प्रेम और स्नेह,
स्नेहिल नमन !
उत्साह बढ़ाने के लिए
सादर आभार, मेरे भाई !
विनम्रता के सापेक्ष
और निरपेक्ष से परे,
या निकट आएं
या दूर निकला करें !
3.
सोशल मीडिया में
लाइक का अर्थ पसंद से है !
टिप्पणी का अर्थ
हृदयग्राह्यता से है !
अगर मेरी रचना पसंद नहीं,
तो ठीक है, भाई !
इसे अन्यथा न लेंगे !
सोशल मीडिया में
अन्य नाम से हूँ,
जो साहित्य अवस्थाएँ लिए है !
इनसे ज्यादा कह नहीं सकता !
4.
ग्रहणछूत !
27 जुलाई 2018 के मध्यरात्रि से
लगभग 4 घंटे के लिए ‘चंद्रग्रहण’ भी है ।
इस अवधि में हमें
वैज्ञानिकी-आचरण अपनाने चाहिए
और किसी तरह के ढोंग,
मिथ्याडम्बर
और हास्यास्पदनिवृत्ति से बचना चाहिए ।
ग्रहण न कोई छूत है,
न ही इनसे कोई पाप होता है ।
5.
घर का भूला
जो जहाँ सहज रहे,
वहीं अच्छा है…..
गुलाम नबी आजाद से त्रस्त
और बच्चे तेजस्वी से आहत हो
नीतीश जी की घर वापसी
बुरा थोड़े ही है !
कुछ ही साल पीछे का भोला (भूला)
बारह बजे रात्रि घर वापस आ जाये,
तो वो भूला थोड़े ही कहा जायेगा !
6.
अस्मत लुटेरे
‘बाल विवाह’
रोकते-रोकते
‘बालिका गृह’ में
अस्मत लूटते चले गए
मूँछवाले अंकल
और तोन्दुअल नेताजी !